भारत में किसानों द्वारा सालाना बचे हुए चावल के लगभग 23 मिलियन टन अवशेषों को जला दिया जाता है जिससे कि उन्हें पुआल से छुटकारा मिले और अगली फसल जोकि गेहूं होती है, उसे बोने के लिए वे अपने खेतों को तैयार कर सकें। इसके परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण… Read More...
गुजरात के जूनागढ़ जिले के एक किसान-वैज्ञानिक श्री वल्लभभाई वसरमभाई मरवानिया ने गाजर की एक जैव-सशक्त किस्म मधुवन गाजर को विकसित किया है, जिसमें-बीटा कैरोटीन और लौह तत्व की उच्च मात्रा मौजूद है। इससे क्षेत्र के 150 ते अधिक किसानों को लाभ मिल… Read More...
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