किसानों के लाभ के लिए एग्रीटेक स्टार्टअप की क्षमताओं को उजागर करना विषय पर एक राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया
राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत में एग्री स्टार्टअप के लिए व्यापक समर्थन प्रणालियों पर चर्चा करना और पहचान करना था जिससे नवाचार, स्थिरता और लाभप्रदता को बढ़ावा मिलेगा और उनके समाधानों को किसानों के लिए सुलभ बनाएगा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने फिक्की, सीआईआई और पीएचडीसीसीआई के साथ भागीदारी में आज यहां “किसानों के लाभ के लिए एग्रीटेक स्टार्टअप की क्षमताओं को उजागर करना” (अनलीशिंग द पोटेंशियल ऑफ एग्रीटेक स्टार्टअप्स फॉर द बेनिफिट्स ऑफ फार्मर्स) विषय पर एक राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया।
इस कॉन्क्लेव में सचिव श्री मनोज आहूजा, अवर सचिव श्री फैज अहमद किदवई, संयुक्त सचिव (आरकेवीवाई) श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव और संयुक्त सचिव (विस्तार) सैमुअल प्रवीण कुमार, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और फिक्की, सीआईआई और पीएचडीसीआईआई के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत में एग्री स्टार्टअप के लिए व्यापक समर्थन देने वाली प्रणालियों पर चर्चा करना और उनकी पहचान करना था, जिससे नवाचार, स्थिरता और लाभप्रदता को बढ़ावा मिलेगा और उनके समाधानों को किसानों के लिए सुलभ बनाया जा सकेगा। कॉन्क्लेव ने एग्री स्टार्टअप को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डालने के उद्देश्य से चुनौतियों पर नियंत्रण करने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और बाजार के अवसरों को भुनाने की रणनीतियों पर भी चर्चा की।
कॉन्क्लेव में चुनौतियों पर काबू पाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और एग्री स्टार्टअप को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए बाजार के अवसरों को भुनाने की रणनीतियों पर भी विचार किया गया
फिक्की ने दो सत्रों का आयोजन किया। सत्र 1 का विषय “राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में एग्रीटेक के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण में राज्य सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका” था। सत्र 1 में इस बारे में सिफारिशें प्रस्तुत की गईं कि राज्य स्तर पर स्टार्ट-अप के सामने आने वाली चुनौतियों और इन पर काबू पाने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण में राज्य सरकारें किस तरह से मदद कर सकती हैं। मुख्य सिफारिशें इस प्रकार हैं: कृषि में नवाचार के लिए एक समावेशी इकोसिस्टम, एग्री डेटा मैनेजमेंट फ्रेमवर्क (2023), राज्य सरकारों के भीतर स्टार्ट-अप के लिए एक नोडल एजेंसी बनाना, चैटबॉट सुविधा के साथ सूचना, ज्ञान और योजनाओं के भंडार वाला एक स्टार्ट-अप पोर्टल विकसित करना, स्टार्ट-अप इंडिया में एग्री स्टार्ट-अप की जानकारी वाली विशेष वेबसाइट शामिल करना।
सत्र 2 का विषय “एगटेक में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना: सार्वजनिक डिजिटल सामानों के माध्यम से एग्री स्टार्टअप तक डेटा की पहुंच को सक्षम बनाना।” सत्र की कुछ सिफारिशें थीं, जिनमें सरकार द्वारा मुख्य डेटा साझा किया जाना जहां निजी क्षेत्र भी योगदान दे सकता है, किसान डेटा और भूमि रिकॉर्ड (भू संदर्भ और कृषि सीमाएं), डेटा प्रसार के लिए तंत्र का विकास, खरीद डेटा जैसे वैल्यू चेन दृष्टिकोण को मार्गदर्शक सिद्धांतों के साथ एकीकृत किया जा सकता है, राज्य सरकार की भागीदारी आदि प्रमुख हैं।
सीआईआई ने “किसानों के लिए नवीन अवधारणाओं को व्यावहारिक समाधानों में परिवर्तित करने में स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन इकोसिस्टम को सशक्त बनाना” विषय पर एक अलग सत्र का आयोजन किया। सत्र में स्टार्ट-अप और इनक्यूबेटरों के बीच एक समकालिक और सहक्रियाशील दृष्टिकोण पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया, जिसमें कृषि अर्थशास्त्र में सकारात्मक परिणामों को व्यापक रूप से बढ़ाने की क्षमता और प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन के अंतिम चरण के दौरान किसानों के साथ सीधा संबंध स्थापित करने की व्यवहार्यता पर जोर दिया गया।
पीएचडीसीसीआई ने “किसानों के लिए एग्रीटेक समाधानों को सुलभ बनाने के उद्देश्य से सामाजिक नवाचार” पर एक सत्र का आयोजन किया। पैनलिस्टों ने माना किया कि किसान को नवाचार के केंद्र में रखने की जरूरत है। आपूर्ति श्रृंखला और कमोडिटी पर केंद्रित नवाचारों में किसानों के लिए अपनाने में आसान होने और तकनीकी निवेश पर होने वाले आरओआई पर विचार नहीं किया है। मांग/ आवश्यकता आधारित नवाचार इकोसिस्टम की आवश्यकता है।
इसके साथ ही सीआईआई ने “स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए नीतिगत समर्थन” विषय के तहत एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया। यह सत्र कृषि स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा लागू की गई सक्षम नीतियों की श्रृंखला पर केंद्रित था। इन नीतियों को उनकी सुचारू शुरुआत, शीघ्र विकास और सफल संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
पीएचडीसीसीआई ने “एग्रीटेक नवाचार और प्रौद्योगिकी को अपनाने में सामाजिक नेटवर्कों की भूमिका” पर एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया। पैनलिस्टों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप और एफपीओ के लिए जबरदस्त अवसर मौजूद हैं, जो नवाचार और टिकाऊ बिजनेस मॉडल के जरिए छोटे किसानों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
कॉन्क्लेव के दौरान एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न स्टार्ट-अप्स ने अपने नवीन उत्पादों और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर 250 से अधिक प्रतिभागियों ने कॉन्क्लेव में भाग लिया।