मोरिंगा टी हर्बल चाय के रूप में उभरता हुआ पेय है। हर्बल चाय बहुत जाना पहचाना नाम है। प्राचीन समय से कई तरह की हर्बल चाय अस्तित्व में हैं। सभी के विशेष स्वाद, सुगंध और औषधीय गुण हैं। जैसे-जैसे इससे होने वाले रोगों से बचाव और रोकथाम के बारे… Read More...
सहजन जिसे अँग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) कहते हैं किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दुनिया में व्यापक स्तर पर इसकी मौजूदगी है। काफी लम्बे समय से इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहजन की खूबियाँ जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास हो रहे… Read More...
चने का साग, हरे चने, होला (आग में भुने बूट - हरे चने की फली); और फिर चने – सूखे परिपक्व चने। साग से शुरू यह सफर चने के साथ पूरे साल जारी रहता है। यह समय चने की फसल कटकर आने का होता है। इसलिए चने का साग और हरे चने के विविध व्यंजन के लिए साल… Read More...
गूलर का नाम तो आप सभी लोग जानते होंगे। मैं नहीं जानता कि आप में से कितने लोगों को मालूम है, कि गूलर की बेहद स्वादिस्ट सब्जी भी बनती है। हमारी बेहद अपनी देसी कहावतों और किस्से-कहानियों में भी गूलर निहायत ही आत्मीयता के साथ मौजूद है। लम्बे… Read More...
बदलता मौसम हो या शाम की चाय का समय चना-चबैना-भूजा का दौर हमारी आहार परम्परा का हिस्सा रहा है और आज भी है। अगर सेहत के लिहाज से देखा जाय तो ये पोषण और सेहत के लिए हर मौसम में बहुत ही मुफीद है। हाँ, ये जरूर है कि अलग आयु वर्ग में इसकी पसंद… Read More...
बात चले गेहूँ की तो दलिया, घुघरी, गुड़ धनिया, प्रचलित हैं या फिर चलन है गेहूँ के आटे से बने विविध व्यंजन जैसे रोटी, पूड़ी, पराठा, हलवा और इस तरह के कई और। पर जब बात हो गेहूँ की हरी बालियों की तो एक और चीज़ जो बहुत पुराने समय से प्रचलन में रही… Read More...
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