अध्यापिका, व्यंग्यकार और लेखक अलका चित्रांशी को पशु-पक्षियों से बेहद लगाव है। बागवानी और खान-पान में नित नए प्रयोग भी इनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं। खाली समय में संगीत सुनना और देश-दुनिया का साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। इनका मानना है कि प्रकृति की सेवा, सुरक्षा और सम्मान करना हर व्यक्ति का पहला कर्तव्य होना चाहिए। इसके बिना सार्थक और सुरक्षित तरक्की कर पाना असम्भव सा है।