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Reading: प्रधानमंत्री ने पोषण जागरूकता को जन आंदोलन बनाने में पोषण माह के महत्व पर प्रकाश डाला
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प्रधानमंत्री ने पोषण जागरूकता को जन आंदोलन बनाने में पोषण माह के महत्व पर प्रकाश डाला

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Dietitian Amika
Published: September 1, 2020
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने नए संबोधन में कहा कि सितंबर के महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और पोषण बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने “यथा अन्नं तथा मनम्” कहावत का जिक्र किया जिसका अर्थ है कि मानसिक और बौद्धिक विकास सीधे हमारे भोजन की गुणवत्ता से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि भोजन और उचित पोषण बच्चों और छात्रों को उनकी अधिकतम क्षमता हासिल करने और उनकी ताकत का प्रदर्शन करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को अच्छी तरह से पोषण देने के लिए मां को उचित पोषण प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पोषण का मतलब केवल आहार लेने भर से नहीं है, बल्कि शरीर को लवण, विटामिन आदि जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी उपलब्ध कराना है।

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प्रधानमंत्री ने देश में पिछले कुछ वर्षों के दौरान विशेष रूप से उन गांवों में किए गए के प्रयासों पर ध्यान दिया जहां पोषण सप्ताह और पोषण माह में जनता की भागीदारी पोषण जागरूकता को एक जन आंदोलन में परिवर्तित कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों में पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतियोगिताएं आयोजित कराने के लिए स्कूलों को इस जन आंदोलन से जोड़ा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कक्षा में जैसे क्लास मॉनिटर होता है, वैसे ही न्यूट्रिशन मॉनिटर भी होना चाहिए। इसी तरह, रिपोर्ट कार्ड की तरह एक पोषण कार्ड भी जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान, एक भोजन और पोषण प्रश्नोत्तरी के साथ-साथ मेम प्रतियोगिता का आयोजन मायगॉव पोर्टल पर किया जाएगा। उन्होंने श्रोताओं को इसमें भाग लेने के लिए कहा है।

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प्रधानमंत्री ने बताया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में एक विशेष प्रकार का पोषण पार्क भी बनाया गया है, जहां मौज मस्ती के साथ पोषण संबंधी जानकारी ली जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत खाद्य और पेय पदार्थों के मामले में विविधता से भरपूर है। उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि किसी विशेष क्षेत्र के मौसम के अनुसार, अच्छी तरह से संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार योजना का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। इस आहार योजना में वहां पैदा होने वाले खाद्यान्नों, फलों और सब्जियों को शामिल करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि एक ‘भारतीय कृषि फंड’ बनाया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक जिले में पैदा होने वाली फसलों और उनके पोषण मूल्यों के बारे में पूरी जानकारी होगी। प्रधानमंत्री ने श्रोताओं को पौष्टिक भोजन खाने और पोषण महीने के दौरान स्वस्थ रहने के लिए कहा है।

पत्र सूचना कार्यालय द्वारा इस जारी विज्ञप्ति की मूल प्रति को आधिकारिक वेबसाइट पर हिन्दी व अन्य भाषाओं में पढ़ने के लिए क्लिक करें-

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SOURCES:पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार
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