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चने की विविधिता और मिंजनी

चने का साग, हरे चने, होला (आग में भुने बूट - हरे चने की फली); और फिर चने – सूखे परिपक्व चने। साग से शुरू यह सफर चने के साथ पूरे साल जारी रहता है। यह समय चने की फसल कटकर आने का होता है। इसलिए चने का साग और हरे चने के विविध व्यंजन के लिए साल…
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भुने चने के साथ लहसुन – हरी मिर्च की चटनी क्या कहने

बदलता मौसम हो या शाम की चाय का समय चना-चबैना-भूजा का दौर हमारी आहार परम्परा का हिस्सा रहा है और आज भी है। अगर सेहत के लिहाज से देखा जाय तो ये पोषण और सेहत के लिए हर मौसम में बहुत ही मुफीद है। हाँ, ये जरूर है कि अलग आयु वर्ग में इसकी पसंद…
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