शरीफा जिसे अँग्रेजी में कस्टर्ड एपल या शुगर एपल भी कहते हैं घर के बागीचों में मिलने वाला यह पेड़ अब अपनी पहचान खोता जा रहा है। कुछ समय पहले तक चाहे शहर कस्बे में आसपास, मुहल्ले के बागीचे हो या गाँव घर की बाड़ियाँ किसी न किसी के यहाँ शरीफे का… Read More...
कुछ क्षेत्र विशेष में पटुआ नाम से पुकारा जाने वाला ये पेड़ मेस्टा (Mesta) की एक प्रजाति है। इसका हिन्दी नाम पिटवा (Pitwa) भी बताया गया है। इसे अँग्रेजी में केनफ़ (Kenaf) कहते है। पटुआ का पेड़ विशेष तौर पर जूट के विकल्प के तौर पर जाना जाता है… Read More...
अगस्त खाने योग्य जंगली पादप श्रेणी का पेड़ है। यह सड़क किनारे, मैदानो या जंगलों में अपने आप उगा हुआ या लोगों के बाग-बगीचों में लगा हुआ भी मिल जाएगा। अगस्त के दो प्रकार के पेड़ पाये जाते हैं एक में सफ़ेद रंग के और दूसरे में गुलाबी या लाल रंग के… Read More...
चिचिंडा लौकी, तरोई परिवार की सब्जी है। आकार में ये तरोई जैसे पतले पर लम्बाई में उससे कहीं ज्यादा तक होते हैं। वानस्पतिक विवरण के आधार पर लम्बाई में ये 15 से.मी. से 150 से.मी. तक होते हैं। खाने के लिए मध्यम आकार के फलों को प्राथमिकता दी जाती… Read More...
कुल्फा गुणों से भरपूर एक ऐसी पत्तेदार सब्जी है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू.एच.ओ.) ने अपनी बहुत उपयोगी औषधीय पौधों की सूची में शामिल किया है। वानस्पतिक आधार पर यह एक खाने योग्य जंगली पौधा है जो गाँव से लेकर शहर तक कहीं भी बड़ी आसानी से… Read More...
हरी पत्तेदार सब्जी में आने वाली पोय गुणों से भरपूर है। यद्यपि इसका उपयोग अब कम होता जा रहा है। आसानी से पनपने वाली ये बेल बाग-बगीचों में खूब देखी जा सकती है। लोग इसे बोते भी हैं और पक्षियों द्वारा इसके बीज फैलाये जाने की वजह से यह अपने आप… Read More...
मकोय औषधीय महत्व की एक ऐसी वनस्पति है जो कहीं भी बड़ी आसानी से मिल जाएगी। पर ये अपनी पहचान खोती जा रही है। खर पतवारों के साथ उगने वाला ये पौधा प्राचीन समय से अपने औषधीय महत्व की वजह से एक खास स्थान रखता है। गाँव घरों में दादी नानी के समय… Read More...
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