Aahar Samhita
An Initiative of Dietitian Amika

थाली में हो पोए तो रोग दूर होए

बिना ज्यादा देखरेख के बहुत अच्छे से पनपती है इसकी बेल

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हरी पत्तेदार सब्जी में आने वाली पोय गुणों से भरपूर है। इसका उपयोग अब कम होता जा रहा है। आसानी से पनपने वाली ये बेल बाग-बगीचों में खूब देखी जा सकती है। लोग इसे बोते भी हैं। पक्षियों द्वारा इसके बीज फैलाये जाने की वजह से यह अपने आप भी उग आती है। बिना ज्यादा देखरेख के यह बेल बहुत अच्छे से पनपती है। इसकी दो प्रजातियाँ हैं जिनका भोजन में इस्तेमाल होता है। एक की पत्ती और डंठल दोनों हरे रंग की होती है। दूसरी की डंठल और पत्तियों की धारियाँ बैंगनी और पत्ती गहरे हरे रंग की होती है।

विभिन्न क्षेत्रों में पोय का उपयोग कई व्यंजन बनाने में होता है। पोए का साग और पकौड़ी सामान्य प्रचलित व्यंजन है। इसके अलावा इसका सांभर, रायता, सगपइता भी बनाया जाता है। कई क्षेत्रों में इसे अन्य सब्जियों या मछली के साथ भी पकाया जाता है।

पोए को देश के अलग क्षेत्रों में भिन्न नामों से जाना जाता है। इसे बंगाली, मराठी और गुजरती में पोई (Poi) कहते हैं। कन्नड में बसाले (Basale) और मलयालम में बसाला (Basala) कहते हैं। तमिल में सिवाप्पू सलककेराई (Sivappu salakkeerai) और तेलगु में एर्रा बच्चली (Erra bachchali) कहते हैं।

पोषण के संदर्भ में :

कई विटामिन, लवण, ऐंटीऑक्सीडेंट, फेनोलिक फाइटोकैमिकल्स और करोटिनोइड्स का अच्छा स्रोत है पोए।

विटामिन और मिनेरल्स सयुंक्त रूप से शरीर के प्रतिरक्षण तंत्र की सुचारु क्रिया, ऊर्जा निर्माण, हड्डियों और दाँतों के निर्माण और मजबूती, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र की सुचारु क्रियाशीलता के लिए और शरीर के द्रव संतुलन (फ्लुइड बैलेन्स ) के लिए ज़रूरी होते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकैमिकल्स विभिन्न रोगों से रक्षा, रोकथाम और बचाव में सहायक होते हैं।

कैरोटेनोइड्स नेत्र रोगों, कैंसर और हृदय रोगों के होने के खतरों को कम करता है।

विस्तृत रूप से पोए में विटामिन ए, विटामिन सी, फोलेट, थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियसिन काफी अच्छी मात्रा में होता है। ये कैल्शियम, आयरन और मैगनीशियम का भी काफी अच्छा स्रोत है। इसमे पोटेशियम, कॉपर, ज़िंक, मैगनीज़ और विटामिन ई, के और पाइरिडॉक्सिन भी उपस्थित होता है।

पोए म्यूसिलेज जो कि एक घुलनशील फाइबर है का भी अच्छा स्रोत है। घुलनशील फाइबर हृदय रोगों ,मधुमेह, मोटापे, कब्ज और दस्त से बचाव करने वाला होता है। म्यूसिलेज आंतरिक प्रदाह और जलन (इंटरनल इन्फ़्लामेशन एंड इरिटेशन ) में भी आराम पहुंचाता है।

उपलब्ध जानकरियों के आधार पर पोए :

यकृत और किडनी को सुरक्षा प्रदान करने वाला, विषाणुरोधी, अल्सररोधी, मधुमेहरोधी, जीवाणुरोधी, मलेरियारोधी, दर्दनाशक, ज्वरनाशक, शोथरोधी, कृमिनाशक, घावपूरक, रेचक (लैक्ज़ेटिव), पेशाब को बढ़ाने वाला, क्रेटिनिन, यूरिया और यूरिक एसिड के बढ़े हुए स्तर को कम करने वाला है।

यह ओस्टिओपोरोसिस, ऐनिमिया, हृदय धमनी रोगों, हर्निया, कई प्रकार के कैंसर जैसे मेलानोमा, ल्यूकीमिया ओरल और कोलोन कैंसर से बचाव और इलाज में सहायक है।

ये पेचिश, दस्त, मुँह के अल्सर, सर्दी-जुकाम, खाँसी, शरीर में पानी भर जाना (फ्लुइड रिटेंशन), यौन दुर्बलता, इन्फेर्टिलिटी के इलाज में उपयोगी है।

पोए नींद में मददगार (प्रोमोट स्लीप), शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने वाला, और शारीरिक शक्ति (बॉडी स्ट्रेंथ) में सुधार करने वाला भी है।

नोट: किसी भी नए भोज्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल करने से पहले या भोज्य पदार्थ को नियमित भोजन (रूटीन डाइट) का हिस्सा बनाने से पहले अपने डाइटीशियन, और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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