Aahar Samhita
An Initiative of Dietitian Amika
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अण्डे का फण्डा सेहत से इम्यूनिटी तक

"संडे हो या मंडे रोज़ खायें अण्डे" बचपन से बहुत लोग इसे सुनते गुनगुनाते आए होंगे। सेहत बनानी है तो रोज अण्डा खाओ ये भी सुनते आए हैं। पर "रोज़ खाएं अण्डे" इसके बारे में अलग समय पर कई सिफ़ारिशें हुई हैं। अण्डा रोज़ खा सकते हैं कि नहीं, कितना खा…
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जामुन का साथ और बारिश का मौसम

बारिश का मौसम और जामुन का साथ के क्या कहने। इस मौसम में हर उम्र के लोगों के लिए मुफीद है जामुन। बच्चों के लिए तो बारिश में खेल-कूद में जगह बना लेते हैं जामुन। जामुन खाकर जीभ का रंग देखना एक शौक हो जाता है। किसकी जीभ का रंग ज्यादा चढ़ा है ये…
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मोरिंगा टी – सेहत के लिए वरदान सरीखी

मोरिंगा टी हर्बल चाय के रूप में उभरता हुआ पेय है। हर्बल चाय बहुत जाना पहचाना नाम है। प्राचीन समय से कई तरह की हर्बल चाय अस्तित्व में हैं। सभी के विशेष स्वाद, सुगंध और औषधीय गुण हैं। जैसे-जैसे इससे होने वाले रोगों से बचाव और रोकथाम के बारे…
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सहजन की खूबियाँ क्या कहने

सहजन जिसे अँग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) कहते हैं किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दुनिया में व्यापक स्तर पर इसकी मौजूदगी है। काफी लम्बे समय से इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहजन की खूबियाँ जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास हो रहे…
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भुने चने के साथ लहसुन – हरी मिर्च की चटनी क्या कहने

बदलता मौसम हो या शाम की चाय का समय चना-चबैना-भूजा का दौर हमारी आहार परम्परा का हिस्सा रहा है और आज भी है। अगर सेहत के लिहाज से देखा जाय तो ये पोषण और सेहत के लिए हर मौसम में बहुत ही मुफीद है। हाँ, ये जरूर है कि अलग आयु वर्ग में इसकी पसंद…
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शरीफा – पहचान खोता गुणकारी फल

शरीफा जिसे अँग्रेजी में कस्टर्ड एपल या शुगर एपल भी कहते हैं घर के बागीचों में मिलने वाला यह पेड़ अब अपनी पहचान खोता जा रहा है। कुछ समय पहले तक चाहे शहर कस्बे में आसपास, मुहल्ले के बागीचे हो या गाँव घर की बाड़ियाँ किसी न किसी के यहाँ शरीफे का…
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बड़े काम का चिचिंडा

चिचिंडा लौकी, तरोई परिवार की सब्जी है। आकार में ये तरोई जैसे पतले पर लम्बाई में उससे कहीं ज्यादा तक होते हैं। वानस्पतिक विवरण के आधार पर लम्बाई में ये 15 से.मी. से 150 से.मी. तक होते हैं। खाने के लिए मध्यम आकार के फलों को प्राथमिकता दी जाती…
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थाली में हो पोए तो रोग दूर होए

हरी पत्तेदार सब्जी में आने वाली पोय गुणों से भरपूर है। यद्यपि इसका उपयोग अब कम होता जा रहा है। आसानी से पनपने वाली ये बेल बाग-बगीचों में खूब देखी जा सकती है। लोग इसे बोते भी हैं और पक्षियों द्वारा इसके बीज फैलाये जाने की वजह से यह अपने आप…
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