छठे राष्ट्रीय पोषण माह के प्रथम 12 दिनों में देश भर में जन आंदोलन डैशबोर्ड पर 6 करोड़ से अधिक गतिविधियों को पंजीकृत किया गया
'विशेष स्तनपान और पूरक आहार' विषय पर 1 करोड़ से अधिक गतिविधियों की जानकारी दी गई
मार्च 2018 में पोषण अभियान के शुभारंभ के बाद से, राष्ट्र ने पहली बार पोषण पर केंद्रित राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन की शुरुआत की है। पोषण अभियान के अन्तर्गत इन वार्षिक जन आंदोलनों को व्यवहार में बदलाव को बढ़ावा देने के लिए विचार पूर्वक तैयार किया जाता है, विशेषतया जमीनी स्तर पर आवश्यक पौष्टिक खाद्य पदार्थों की खपत के संबंध में। यह आयोजन विशिष्ट लाभार्थियों, अर्थात् गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
जमीनी स्तर के पोषण परिणामों में सुधार और व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न हितधारक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
जन आंदोलन सितंबर में पोषण माह और मार्च-अप्रैल में पोषण पखवाड़े के दौरान वार्षिक रूप से दो बार मनाया जाता है। आज तक, 10 जन आंदोलन सफलतापूर्वक मनाए गए हैं (प्रत्येक माह और पखवाड़े के लिए 5), साथ ही 60 करोड़ से अधिक संवेदीकरण गतिविधियों को पंजीकृत किया गया है। यह 2018 के बाद से देश भर में बढ़ती हुई और निरंतर होती भागीदारी को दर्शाता है।
#RashtriyaPoshanMaah2023 which is a Jan Andolan to improve nutritional outcomes across the country has recorded more than 9 crores sensitization activities under various themes within first 13 days of month-long campaign#sahiposhandeshroshan #AmritMahotsav #SpecialCampaign3.0 pic.twitter.com/7a4WPuSHbO
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) September 14, 2023
अब बच्चे भी जानते हैं क्या है Healthy और Unhealthy!
पूरे भारत में #राष्ट्रीयपोषणमाह2023 के अंतर्गत आयोजित गतिविधियाों के बीच एक वीडियो ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, खेल-खेल में कैसे बच्चे जान रहे हैं कि कौन सा भोजन सही है कौन सा हानिकारक।#sahiposhandeshroshan #SpecialCampaign3.0 pic.twitter.com/PZXkfnns16— Ministry of WCD (@MinistryWCD) September 15, 2023
वर्तमान में, राष्ट्र, महिला और बाल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित 6वां राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है। यह आयोजन अधिकतम पहुंच के लिए विभिन्न प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के साथ सहयोग की ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। इन समारोहों के प्रथम 12 दिनों में, देश भर में जन आंदोलन डैशबोर्ड पर 6 करोड़ से अधिक गतिविधियों को पंजीकृत किया गया है।
महीने भर चलने वाले इस आयोजन के दौरान, विभिन्न हितधारक जमीनी स्तर के पोषण परिणामों में सुधार और व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और पंचायती राज जैसे मंत्रालय केवल ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के अन्तर्गत 6 लाख से अधिक गतिविधियों को दिखा रहे हैं।
भारत के सभी क्षेत्रों में विभिन्न विषयों के अन्तर्गत कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- ‘विशेष स्तनपान और पूरक आहार’ विषय पर 1 करोड़ से अधिक गतिविधियों की जानकारी दी गई है
- अरुणाचल प्रदेश में, ‘मिशन लाइफ के माध्यम से पोषण में सुधार’ विषय के अन्तर्गत गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य वर्षा जल संचयन, सफाई और तालाबों, कुओं और पानी के टैंकों जैसे सामुदायिक जल निकायों की सफाई के बारे में जागरूकता पैदा करना था।
- बिहार राज्य में, पोषण माह मनाने के लिए समाज कल्याण और न्याय मंत्री द्वारा एलईडी लाइटिंग से सुसज्जित एक ‘पोषण रथ’ लॉन्च किया गया था।
- लेह के बसगो गांव में सरपंच, स्वास्थ्य कर्मचारियों, अभिभावकों और बच्चों की उपस्थिति में पोषण मेला बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया गया।
- कर्नाटक राज्य ने कोलार, हासन और चिकमंगलूर जैसे विभिन्न जिलों में गोद भराई, अन्नप्राशन समारोह और पोषण मेलों जैसी बड़े स्तर पर गतिविधियों के साथ राष्ट्रीय पोषण माह 2023 का आयोजन किया।
- आहार विविधता और मिलेट्स की खपत को बढ़ावा देने के लिए, गोवा, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और असम सहित कई राज्यों ने ब्लॉक कार्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर व्यंजन विधि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
- मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में खाद्य संसाधन मानचित्रण गतिविधियों का आयोजन किया गया।
- पोषण भी पढ़ाई भी (पीबीपीबी) पहल के अन्तर्गत माता-पिता और समुदायों को शामिल करते हुए प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) पर प्रशिक्षण और संवेदीकरण सत्र सक्रिय रूप से चल रहे हैं।
- देश के विभिन्न भागों से विकास मापन (स्वस्थ बालक स्पर्धा) जैसी इसी तरह की पहलों की जानकारी मिली है।
हमारे देश के भविष्य, हमारे बच्चों के संपूर्ण विकास और जीवन की हर प्रतियोगिता के लिए एक मजबूत पहचान बनाने की भावना के साथ #राष्ट्रीयपोषणमाह2023 के अंतर्गत पूरे देश में आयोजित हो रही हैं स्वस्थ बालक स्पर्धा। आइये हम सुनिश्चित करें कि बच्चों की लंबाई और वज़न की नियमित जांच कराएंगे। pic.twitter.com/flHh9T0b9V
— PIB WCD (@PIBWCD) September 15, 2023
#RashtriyaPoshanMaah2023 l Growth monitoring activities organised across the country under the theme 'Swastha Balak Spardha' to generate a positive spirit of healthy competition for good health and nutrition.
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वर्तमान अभियान में एनीमिया जैसी कुपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष स्तनपान और पूरक आहार, स्वस्थ बालक स्पर्धा/विकास माप और आदिवासी समुदायों को मिलेट्स/स्थानीय भोजन/पारंपरिक भोजन के बारे में संवेदनशील बनाने सहित प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
विशिष्ट संवेदीकरण गतिविधियों के संदर्भ में, स्वस्थ बालक स्पर्धा/विकास मापन अभियान ने सबसे अधिक 15 लाख गतिविधियां पंजीकृत की हैं, इसके बाद गांव की सीमाओं के भीतर विकास निगरानी और “खाद्य संसाधन मानचित्रण” पर संवेदीकरण गतिविधियां हैं, जिनकी संख्या लगभग 14 लाख है। इसके अतिरिक्त, आदिवासी जिलों में बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के लिए एनीमिया शिविरों में 12 लाख से अधिक गतिविधियां दर्ज की गईं, जिसमें 11 लाख घरों का दौरा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) पर केंद्रित था, इस गतिविधि में विशेष रूप से माता-पिता को शामिल करना रहा।
#राष्ट्रीयपोषणमाह2023 के अन्तर्गत देशभर में विभिन्न गतिविधियों के मध्य अरुणाचल प्रदेश में हस्तनिर्मित स्वदेशी खिलौनों पर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में बच्चों को आकर्षित करने वाले सुंदर खिलौने बनाने की विधियों को साझा किया गया।
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सामूहिक रूप से, प्रत्येक जन आंदोलन और इसकी अनूठी भागीदारी संवेदीकरण गतिविधियों के माध्यम से, पोषण को जन भागीदारी का एक हिस्सा बनाने के लिए लगातार प्रगति की जा रही है।