Aahar Samhita
An Initiative of Dietitian Amika

कोरोना से जागरूकता का ‘शालिनी प्रयास’

शालिनी दुबे का लॉकडाउन कविता संग्रह

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21. गमों से टूटकर जो उबरता है,
वही सच्चे मायनों में दृढ़ होता है,
खत्म ना होगी कभी हमारी ऊर्जा-उल्लास,
हे करोना कर लो तुम चाहे जितना भी प्रयास।
(सभी कोरोना वॉरियर्स को समर्पित)

22. सहमा सहमा सा मानव है,
कैद आज अपने ही घरों में है,
एक डर सा किसी कोने में व्याप्त है,
मुश्किलों का सामना करने का हौसला हमें प्राप्त है।

23. चिंता से मुक्त खुशियों भरा सवेरा दे दो,
हे ईश्वर हमें रोग-मुक्त कल दे दो,
सूर्य किरण बन खुशियाँ आयें घर घर,
ज़िन्दगी गुलज़ार हो जाए फिर से इतना रहम कर दो।

24. लग गयी है नजर पूरे विश्व को किसी की आज,
चुपके से कर रहा है कोई सभी की धडकनों पर राज,
पर हमने भी हार मानना कब सीखा है,
लॉकडाउन का पालन कर वायरस को भगाना ही है।

25. चिंता बड़ी आज जो विश्व पटल पर छाई है,
दूर करना उसे ही हमारी सबसे बड़ी लड़ाई है,
एक छोटी सी लॉकडाउन की किरण जो लहराई है,
मान जाओ क्योंकि ये खुद से खुद की लड़ाई है।

26. हालातों पर काबू पाना ही है,
विजयगीत सभी को गाना ही है,
एक छोटी सी उम्मीद घर कर गयी है,
सबको इसका भागीदार बनना ही है।

27. आओ एक दीया संकल्प का जलाएँ,
थोड़ा थोड़ा हम सब आगे आयें,
मिलकर ही भव-बाधा से पार पाएँ,
उम्मीद की रौशनी से सब खिल खिल जाएँ।

28. दूरियाँ मजबूरियाँ तन्हाइयाँ,
ज़िन्दगी है बस यही,
इम्तिहान की डगर तो बाकी है अभी,
खुद का फैसला लेना है अभी,
अपनों के दरमियाँ आए फ़ासलों को भरना है अभी,
अपना और अपनों को हर मुसीबत से बचना है अभी।

29. ना करीब रहो ना बहुत दूर जाओ अभी,
ये जो बढ़ा हुआ फासला है वो सही है अभी,
कुछ दूरियाँ बनाकर रखना है,
इस कोरोना के बारे में भी तो सोचना है।

30. दहलीज ना पार करो अपने घरों की,
जहां हो वहीं रुके रहो अभी,
संभाल जाएँगी ज़िंदगियाँ सबकी,
अगर लॉकडाउन का पालन सख्ती से करेंगे तभी।

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