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क्षेत्रीय आहार से दवाई के लिए सुलभ होती औषधीय केवाँच

केवाँच जिसे किवाँच या कौंच के नाम से भी जाना जाता है आज कल चर्चा में है। भारत सरकार द्वारा औषधीय पौधों की खेती को बल दिया जा रहा है। ऐसी खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने/ राष्ट्रीय आयुष मिशन की ओर से अनुदान की व्यवस्था की है। औषधीय पौधों…
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चने की विविधिता और मिंजनी

चने का साग, हरे चने, होला (आग में भुने बूट - हरे चने की फली); और फिर चने – सूखे परिपक्व चने। साग से शुरू यह सफर चने के साथ पूरे साल जारी रहता है। यह समय चने की फसल कटकर आने का होता है। इसलिए चने का साग और हरे चने के विविध व्यंजन के लिए साल…
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ऊँमी से freekeh तक

बात चले गेहूँ की तो दलिया, घुघरी, गुड़ धनिया, प्रचलित हैं या फिर चलन है गेहूँ के आटे से बने विविध व्यंजन जैसे रोटी, पूड़ी, पराठा, हलवा और इस तरह के कई और। पर जब बात हो गेहूँ की हरी बालियों की तो एक और चीज़ जो बहुत पुराने समय से प्रचलन में रही…
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