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Reading: कुपोषण पर वार, बथुआ भी दमदार
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गाँव घर में छुपा पोषणArticles

कुपोषण पर वार, बथुआ भी दमदार

By
Dietitian Amika
Published: January 23, 2020
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कुपोषण पर वार, बथुआ भी दमदार - Aahar Samhita by Dietician Amika
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कुपोषण शरीर में बहुत सी समस्याओं और बीमारियों का कारण होता है। एनीमिया, मोटापा, रतौंधी, कैल्शियम की कमी, हृदय रोग, कई तरह के कैंसर, मधुमेह का एक मुख्य कारण कुपोषण है।

Contents
  • पोषण के स्तर पर:
  • अनुसंधान बताते हैं कि :
    • संदर्भ स्रोत:

बथुआ पत्तेदार सब्जी (शाक या साग) में एक जाना पहचाना नाम है। पोषक तत्वों से भरपूर बथुआ स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह कुपोषण से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहयोगी माना गया है।

कुपोषण पर वार, बथुआ भी दमदार - Aahar Samhita by Dietician Amika

कुपोषण मतलब आवश्यक गुणों के अनुरूप आहार, सही मात्रा में ऊर्जा, पोषक तत्वों का न मिल पाना। ये शरीर में पोषक तत्वों कमी, असंतुलन या आवश्यकता से अधिक मात्रा में ग्रहण करने की अवस्था को दर्शाता है। अस्वास्थ्यकर, असंतुलित, अपर्याप्त या आवश्यकता से अधिक आहार कुपोषण से सम्बन्धित है।

बथुआ का वैज्ञानिक नाम चेनोपोडिअम अल्बम (Chenopodium album) है। इसे fat-hen, lamb’s quarters के नाम से भी जाना जाता है। बथुआ खाये जाने वाले जंगली पौधे के श्रेणी में आता है। ये खर पतवार के रूप में अपने आप उगने वाला पौधा है।

पोषण के स्तर पर:

बथुआ साग प्रोटीन, विटामिन ए, सी, पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मेग्नीशियम, आयरन और ज़िंक के स्रोत के रूप में देखा जाता है। इसमें आवयशक अमीनो अम्ल और वसीय अम्ल (इसेंशियल अमीनो एण्ड फैटी एसिड) अच्छी मात्रा में होते हैं।

बथुआ साग पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व शरीर की वृद्धि और विकास में सहायक होते हैं। पोषण की कमी से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में ये उपयोगी है। विटामिन ए, कैल्शियम और आयरन की कमी से निपटने में इसका उपयोग लाभकारी माना गया है। फाइबर का भी स्रोत है बथुआ।

कुपोषण पर वार, बथुआ भी दमदार - Aahar Samhita by Dietician Amika

इसमें सोडियम और पोटैशियम संतुलित अनुपात में होते हैं। इस वजह से ये हृदय रोगों में लाभकारी है। ये उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक को कम करने में सहायक है। मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूती देता है।

कैल्शियम और फॉस्फोरस का अच्छा स्रोत है। कैल्शियम और फॉस्फोरस शरीर में कई अन्य कार्य के साथ हड्डियों को मजबूती देते हैं।

यह भी पढ़ें–

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आयरन का अच्छा स्रोत होकर एनीमिया से लड़ने में सहायक है। पालक की तुलना में इसमें आयरन की ज्यादा मात्रा होती है।

ज़िंक की उपस्थिती शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। कुपोषण से भी शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। ज़िंक मधुमेह के इलाज में भी लाभकारी है।

विटामिन ए का अच्छा स्रोत होकर आँखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। रतौंधी जैसी समस्या से सुरक्षा प्रदान करता है। यह भी शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।

कुपोषण पर वार, बथुआ भी दमदार - Aahar Samhita by Dietician Amika

अनुसंधान बताते हैं कि :

इसमें स्वास्थ्य के लिए लाभकारी कई फाइटोकेमिकल्स पाये जाते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। इसका सेवन हृदय धमनी रोग की आशंका को कम करता है।

यह मधुमेहरोधी है। रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक है। आंतों और ब्रेस्ट कैंसर होने के खतरे को कम करता है।

ये कृमि संक्रमण (पेट में कीड़ों) से निजात दिलाने में उपयोगी है। बैक्टीरिया जनित पेट के कई तरह के संक्रमण के इलाज में भी लाभकारी माना गया है। यह संक्रमण कुपोषण की आशंका पैदा करते हैं।

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  • नीम – लाख दुःखों की एक दवा

बथुआ मोटापारोधी है। ये मोटापे से निजात दिलाने में भी उपयोगी है। वजन कम करने वालों के लिए यह एक अच्छा आहार विकल्प है।

पेप्टिक अल्सर के इलाज में भी उपयोगी पाया गया है बथुआ। यह कब्ज को दूर करता है।

यकृत को सुरक्षा प्रदान करता है बथुआ। यह यकृत सम्बंधी रोगों के इलाज में सहयोगी माना गया है। इन तीनों अवस्थाओं में भोजन का पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित होता है।

इस तरह बथुआ साग भरपूर पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। ये कुपोषण से बचाव और उससे उत्पन्न स्थितियों से निपटने में अहम भूमिका निभा सकता है।

नोट-

किसी भी नए भोज्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल करने से पहले या भोज्य पदार्थ को नियमित भोजन (Routine diet) का हिस्सा बनाने से पहले अपने डाइटीशियन और फ़िज़ीशियन/डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

संदर्भ स्रोत:

Kaur, G. and Kaur, N. (2018). Effect of processing on nutritional and antinutritional composition of bathua (Chenopodium album) leaves. Journal of Applied and Natural Science, 10(4): 1149 -1155
https://journals.ansfoundation.org/index.php/jans/article/view/1856

Young Shoots and Mature Plant-Leaves Consumed in the Eastern Cape Province of South Africa
Bomkazi M Gqaza, Collise Njume, Nomalungelo I Goduka and Grace George
http://www.ipcbee.com/vol53/019-ICNFS2013-F2005.pdf

Chenopodium album Linn: review of nutritive value and biological properties
Amrita Poonia & Ashutosh Upadhayay
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4486584/

Screening of nutritional, phytochemical, antioxidant and antibacterial activity of Chenopodium album (Bathua)
Shipra Pandey, Rajinder K. Gupta
https://www.semanticscholar.org/paper/Screening-of-nutritional%2C-phytochemical%2C-and-of-Pandey-Gupta/64c790a6598bcbbc3f848861b2f17f3e749914f6

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