By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Tuesday, Nov 25, 2025
  • News
  • Articles
  • गाँव घर में छुपा पोषण
  • Tasty Treasure
  • Agri Approaches
Search
Login
Aahar Samhita - An Initiative by Dietitian Amika aka Amika Chitranshi Aahar Samhita - An Initiative by Dietitian Amika aka Amika Chitranshi
  • Home
  • Articles
  • Tasty Treasure
  • Expert Speak
  • News
  • Agri Approaches
  • Books and Literature
Reading: थाली में हो पोए तो रोग दूर होए
Share
Aahar SamhitaAahar Samhita
Font ResizerAa
  • Home
  • Articles
  • Tasty Treasure
  • Expert Speak
  • News
  • Agri Approaches
  • Books and Literature
Search
  • Home
  • Articles
  • Tasty Treasure
  • Expert Speak
  • News
  • Agri Approaches
  • Books and Literature
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Complaint
  • Complaint
  • Advertise
  • Advertise
© 2025 Aahar Samhita - An Initiative by Dietician Amika (Amika Chitranshi). All Rights Reserved.
गाँव घर में छुपा पोषणArticles

थाली में हो पोए तो रोग दूर होए

By
Dietitian Amika
Published: July 31, 2017
Share
थाली में हो पोए तो रोग दूर होए - Aahar Samhita by Dietician Amika
SHARE

हरी पत्तेदार सब्जी में आने वाली पोय गुणों से भरपूर है। इसका उपयोग अब कम होता जा रहा है। आसानी से पनपने वाली ये बेल बाग-बगीचों में खूब देखी जा सकती है। लोग इसे बोते भी हैं। पक्षियों द्वारा इसके बीज फैलाये जाने की वजह से यह अपने आप भी उग आती है। बिना ज्यादा देखरेख के यह बेल बहुत अच्छे से पनपती है। इसकी दो प्रजातियाँ हैं जिनका भोजन में इस्तेमाल होता है। एक की पत्ती और डंठल दोनों हरे रंग की होती है। दूसरी की डंठल और पत्तियों की धारियाँ बैंगनी और पत्ती गहरे हरे रंग की होती है।

Contents
  • पोषण के संदर्भ में :
  • उपलब्ध जानकरियों के आधार पर पोए :

विभिन्न क्षेत्रों में पोय का उपयोग कई व्यंजन बनाने में होता है। पोए का साग और पकौड़ी सामान्य प्रचलित व्यंजन है। इसके अलावा इसका सांभर, रायता, सगपइता भी बनाया जाता है। कई क्षेत्रों में इसे अन्य सब्जियों या मछली के साथ भी पकाया जाता है।

पोए को देश के अलग क्षेत्रों में भिन्न नामों से जाना जाता है। इसे बंगाली, मराठी और गुजरती में पोई (Poi) कहते हैं। कन्नड में बसाले (Basale) और मलयालम में बसाला (Basala) कहते हैं। तमिल में सिवाप्पू सलककेराई (Sivappu salakkeerai) और तेलगु में एर्रा बच्चली (Erra bachchali) कहते हैं।

पोषण के संदर्भ में :

कई विटामिन, लवण, ऐंटीऑक्सीडेंट, फेनोलिक फाइटोकैमिकल्स और करोटिनोइड्स का अच्छा स्रोत है पोए।

विटामिन और मिनेरल्स सयुंक्त रूप से शरीर के प्रतिरक्षण तंत्र की सुचारु क्रिया, ऊर्जा निर्माण, हड्डियों और दाँतों के निर्माण और मजबूती, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र की सुचारु क्रियाशीलता के लिए और शरीर के द्रव संतुलन (फ्लुइड बैलेन्स ) के लिए ज़रूरी होते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकैमिकल्स विभिन्न रोगों से रक्षा, रोकथाम और बचाव में सहायक होते हैं।

कैरोटेनोइड्स नेत्र रोगों, कैंसर और हृदय रोगों के होने के खतरों को कम करता है।

यह भी पढ़ें–

  • लसोढ़ा है औषधीय गुणों की खान

विस्तृत रूप से पोए में विटामिन ए, विटामिन सी, फोलेट, थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियसिन काफी अच्छी मात्रा में होता है। ये कैल्शियम, आयरन और मैगनीशियम का भी काफी अच्छा स्रोत है। इसमे पोटेशियम, कॉपर, ज़िंक, मैगनीज़ और विटामिन ई, के और पाइरिडॉक्सिन भी उपस्थित होता है।

पोए म्यूसिलेज जो कि एक घुलनशील फाइबर है का भी अच्छा स्रोत है। घुलनशील फाइबर हृदय रोगों ,मधुमेह, मोटापे, कब्ज और दस्त से बचाव करने वाला होता है। म्यूसिलेज आंतरिक प्रदाह और जलन (इंटरनल इन्फ़्लामेशन एंड इरिटेशन ) में भी आराम पहुंचाता है।

उपलब्ध जानकरियों के आधार पर पोए :

यकृत और किडनी को सुरक्षा प्रदान करने वाला, विषाणुरोधी, अल्सररोधी, मधुमेहरोधी, जीवाणुरोधी, मलेरियारोधी, दर्दनाशक, ज्वरनाशक, शोथरोधी, कृमिनाशक, घावपूरक, रेचक (लैक्ज़ेटिव), पेशाब को बढ़ाने वाला, क्रेटिनिन, यूरिया और यूरिक एसिड के बढ़े हुए स्तर को कम करने वाला है।

यह भी पढ़ें–

  • बड़हल – बड़ी समस्याओं का आसान हल

यह ओस्टिओपोरोसिस, ऐनिमिया, हृदय धमनी रोगों, हर्निया, कई प्रकार के कैंसर जैसे मेलानोमा, ल्यूकीमिया ओरल और कोलोन कैंसर से बचाव और इलाज में सहायक है।

ये पेचिश, दस्त, मुँह के अल्सर, सर्दी-जुकाम, खाँसी, शरीर में पानी भर जाना (फ्लुइड रिटेंशन), यौन दुर्बलता, इन्फेर्टिलिटी के इलाज में उपयोगी है।

पोए नींद में मददगार (प्रोमोट स्लीप), शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने वाला, और शारीरिक शक्ति (बॉडी स्ट्रेंथ) में सुधार करने वाला भी है।

नोट-

किसी भी नए भोज्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल करने से पहले या भोज्य पदार्थ को नियमित भोजन (Routine diet) का हिस्सा बनाने से पहले अपने डाइटीशियन और फ़िज़ीशियन/डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

अगस्त रखे सेहत-स्वास्थ्य दुरुस्त
कद्दू और फूल दोनों हैं वेरी कूल
बड़हल – बड़ी समस्याओं का आसान हल
लसोढ़ा है औषधीय गुणों की खान
सहजन की खूबियाँ क्या कहने
TAGGED:basella albabuffalo spinachcalciumceylon spinachclimbing spinachcreeping spinachfolateironmalabar Spinachmineralsmucilagephytochemicalsred vine spinachsoluble fibervine spinachvitamin
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Email Print
ByDietitian Amika
Follow:
Interest and efforts to know about science-technology, health – life – related issues, ailments and dietary aspects, addition of knowledge about sociological, psychological, spiritual, melody, happiness, emotional balance, crafts and art, economical management, opportunities to see the life style of people from different strata, keen to provide educational support to who in need in personal capacity directed my educational and profession life…
Previous Article मकोय है मिनेरल्स का अच्छा स्रोत - Aahar Samhita by Dietician Amika मकोय है मिनेरल्स का अच्छा स्रोत
Next Article कुल्फा है सेहत और स्वास्थ्य के लिए - Aahar Samhita by Dietician Amika कुल्फा है सेहत और स्वास्थ्य के लिए
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

"प्रोटीन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं" पर आईजेबीबी का विशेष अंक - Aahar Samhita by Dietician Amika
“प्रोटीन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं” पर आईजेबीबी का विशेष अंक
News
छठे राष्ट्रीय पोषण माह के प्रथम 12 दिनों में देश भर में जन आंदोलन डैशबोर्ड पर 6 करोड़ से अधिक गतिविधियों को पंजीकृत किया गया - Aahar Samhita by Dietician Amika
छठे राष्ट्रीय पोषण माह के प्रथम 12 दिनों में देश भर में जन आंदोलन डैशबोर्ड पर 6 करोड़ से अधिक गतिविधियों को पंजीकृत किया गया
News
किसानों के लाभ के लिए एग्रीटेक स्टार्टअप की क्षमताओं को उजागर करना विषय पर एक राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया - Aahar Samhita by Dietician Amika
किसानों के लाभ के लिए एग्रीटेक स्टार्टअप की क्षमताओं को उजागर करना विषय पर एक राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया
News
महिला और बाल विकास मंत्रालय सितंबर 2023 में छठा राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है - Aahar Samhita by Dietician Amika
महिला और बाल विकास मंत्रालय सितंबर 2023 में छठा राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है
News
Aahar SamhitaAahar Samhita
Follow US
© 2025 Aahar Samhita - An Initiative by Dietician Amika (Amika Chitranshi). All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?