वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्यों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की
राज्यों से नियमित रूप से जिलों की स्थिति की निगरानी करने को कहा गया
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने वायु प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए आज शाम पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्यों के साथ बैठक की। वायु प्रदूषण के स्तरों में बढ़ोत्तरी के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आपात स्थिति जैसे हालात बनने के मद्देनजर यह बैठक की गई।
कैबिनेट सचिव इन राज्यों के साथ दैनिक आधार पर स्थिति की निगरानी करेंगे
इस बैठक में पराली जलाने, निर्माण संबंधी गतिविधियों, कचरा जलाने तथा औद्योगिक एवं वाहनों के प्रदूषण के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा इन राज्यों के साथ दैनिक आधार पर स्थिति की निगरानी करेंगे। राज्यों के मुख्य सचिवों से 24×7 आधार पर जिलों की स्थिति की निगरानी करने को कहा गया है।
केन्द्र ने पिछले तीन दिनों से बरकरार मौसम की प्रतिकूल स्थितियों के मद्देनजर पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने की घटनाओं और धूल के स्तरों में कमी लाने को कहा है। राज्यों के मुख्य सचिवों ने हालात में सुधार लाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
राज्यों से नियमित रूप से जिलों की स्थिति की निगरानी करने को कहा गया
वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 300 दल तैनात किए गए हैं। 7 औद्योगिक समूहों और एनसीआर में प्रमुख यातायात गलियारों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा में भी इससे मिलते-जुलते प्रबंध किए गए हैं और आवश्यक तंत्र उपलब्ध कराया गया है।
आज की बैठक से पहले प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव द्वारा 24 अक्टूबर, 2019 को भी एक बैठक बुलाई गई थी। राज्यों ने भरोसा दिलाया कि जल्द से जल्द आवश्यक उपाय किए जाएंगे। 4 अक्टूबर, 2019 को कैबिनेट सचिव की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंधों के बारे में सिलसिलेवार बैठकें आयोजित की गई हैं।
आज की बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार श्री पी. के. सिन्हा, कैबिनेट सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन सचिव, कृषि सचिव, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, भारत मौसम विभाग के महानिदेशक तथा पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।