Aahar Samhita
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सहजन की खूबियाँ क्या कहने

सहजन में क्या है खास

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सहजन जिसे अँग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) कहते हैं किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दुनिया में व्यापक स्तर पर इसकी मौजूदगी है। काफी लम्बे समय से इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहजन की खूबियाँ जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास हो रहे हैं। आहार में इसको शामिल करने के सुझाव भी दिये जा रहे हैं। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में इसका जिक्र है। सहजन पर बहुत से अनुसंधान हुए हैं। जो इसके पोषण और स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक होने की पुष्टि करते हैं। आइये जानते हैं सहजन की खूबियों के बारे में…

पोषण में नायाब सहजन

सहजन विटामिन और मिनेरल्स की आपूर्ति करता है। पोषक तत्वों का बहुत अच्छा संयोजन इसमें पाया जाता है। यह संयोजन इसे एक आदर्श पूरक आहार बनाता है।

सहजन विटामिन ए, बी, सी, फोलेट, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्निशियम, फॉसफोरस का स्रोत है। इसमें बी वर्ग के विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7 और बी9 होते हैं। सहजन में आयरन और प्रोटीन भी होता है।

विटामिन डी2, अल्फा टोकोफेरॉल, ज़िंक, सोडियम, कॉपर, मैगनीज़ और सिलेनियम भी इसमें पाये जाते हैं। अल्फा टोकोफेररॉल विटामिन ई का एक प्रकार है। सहजन में अमीनो एसिड और फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। यह फाइबर का अच्छा स्रोत है।

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स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बहुत से फाइटोकेमिकल पाये सहजन में जाते हैं। इसमें एल्केलोइड्स, कार्बोहाइड्रेट्स, ग्लाइकोसाड्स, सेपोनिन्स, फ्लावोनोइड्स होते हैं। सहजन एंटीओक्सीडेंट से भरपूर है।

पोषण और स्वास्थ्य की दृष्टि से सहजन की फलियाँ बहुत ही फायदेमंद हैं। इनका सेवन सुपोषण में सहायक है।

बीमारियों पर वार

शरीर को अच्छा पोषण देने के साथ बहुत सी बीमारियों से बचाव और इलाज में सहजन महत्वपूर्ण माना गया है।

आर्थेराइटिस में लाभदायक

कैल्शियम और फॉस्फोरस सहजन में होता है। इसमें विटामिन डी2 भी पाया जाता है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में महत्वपूर्ण हैं। सहजन में शोथरोधी- सूजन को दूर करने का गुण भी पाया जाता है। इन वजहों से सहजन आर्थेराइटिस के इलाज में लाभकारी माना गया है।

सहजन अवसाद रखे दूर

तनाव-रोधी है सहजन। यह अच्छी नींद में सहायक है। इसे अवसाद के इलाज में सहायक माना गया है। सहजन बेचैनी और थकान को नियंत्रित करने में उपयोगी पाया गया है।

कैंसर से बचाव

कैंसर-रोधी माना गया है सहजन को। इसमें पाये जाने वाले नीयजिमिसिन में कैंसर की कोशिकाओं को बनने से रोकने का गुण पाया जाता है। सहजन गुर्दे, यकृत, आंत और त्वचा के कैंसर की आशंकाओं को कम करता है।

सहजन मधुमेह में लाभकारी

रक्त में शुगर की मात्रा को सहजन कम करता है। यह मूत्र (यूरिन) में भी शुगर और प्रोटीन की मात्रा को घटाने में सहायक माना जाता है।

फेफड़ों रखे दुरुस्त

फेफड़ों की क्रियाशीलता पर सहजन सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह श्वसनक्रिया- साँस लेने की क्रिया को दुरुस्त रखने में अच्छा माना गया है। माना गया है की यह अस्थमा की तीव्रता को कम करने में सहायक है।

पथरी की आशंका करे कम

एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है सहजन में। यह गुर्दे (किडनी) से अपशिष्ट पदार्थों के निकालने की क्रिया को मजबूती देता है। सहजन मूत्र वर्धक भी है। सहजन को एंटीयूरोलिथियाटिक माना गया है। यह गुर्दे, मूत्र वाहिनी (यूरेटर ), मूत्राशय (ब्लैडर), में पथरी बनने की आशंका को घटाता है। यह पथरी को गलाने में भी सहायक माना गया है।

सहजन की खूबियाँ करे उच्च रक्तचाप नियंत्रित

सहजन उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक हैं। इसमें पाये जाने वाले आइसोथियोसाइनेट और नियजिमिसिन लाभकारी हैं। यह फ्लावोनोएड्स धमनियों को मोटा होने से रोकते हैं। धमनियों का मोटा होना रक्तचाप बढ़ने का बड़ा कारण है।

एनीमिया करे दूर

फोलेट और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है सहजन। इसमें आयरन भी होता है। सहजन में कृमि-रोधी गुण पाये जाते हैं। कृमि संक्रमण शरीर में भोजन के पाचन और अवशोषण को प्रभावित करता है। सहजन भोजन के पाचन और आयरन के अवशोषण को सुचारु रखने में मदद करता है। आयरन के अवशोषण में सहायक होकर एनीमिया के बचाव और नियंत्रण में सहायक है।

सहजन की खूबियाँ कब्ज रखे दूर

फाइबर का अच्छा स्रोत है सहजन। इसमें पाये जाने वाले बी विटामिन पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक है। सहजन का सेवन कब्ज को दूर रखता है।

सहजन की खूबियाँ भगाये मोटापा

प्युफा (PUFA) की उपस्थिती की वजह से सहजन मोटापे से ग्रसित व्यक्तियों के लिए लाभदायक है।

आँखों के लिए अच्छा

आँखों के स्वास्थ्य के लिए भी सहजन अच्छा है। केरोटिनोयड्स और विटामिन सी देखने की क्षमता को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। ये आँखों और कॉर्निया को सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।

यकृत रखे दुरुस्त

यकृत को सहजन सुरक्षा प्रदान करता है। सहजन यकृत की विषाक्तता को दूर करने में सहायक माना गया है। यह यकृत के क्षतिग्रस्त भाग को दुरुस्त करने में भी सहायक पाया गया है।

सहजन की खूबियाँ और भी हैं

इसमें बैक्टीरिया-रोधी गुण पाये जाते हैं। सहजन शरीर में बैक्टीरिया संक्रमण से लड़ने में सहायक माना गया है। सहजन शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूती देता है। सहजन घाव के जल्दी भरने में सहायक माना गया है। यह हृदय को सुरक्षा प्रदान करता है।

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यह शरीर में कोलेस्टेरॉल और लिपिड के स्तर को नियंत्रित करने वाला है। यह शरीर में बढ़े हुए कोलेस्टेरॉल और लिपिड के स्तर को घटाने में लाभकारी है। सहजन अल्सरेटिव कोलाइटिस और गैस्ट्राइटिस के इलाज में भी लाभकारी माना गया है।

फाइटोकेमिकल्स का खजाना

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक प्रमुख फाइटोकेमिकल्स:
इसमें बीटा केरोटीन, ल्यूटिन (Leutin) और जीज़ैनथिन (zeaxanthin) नामक करेटेनोइड्स होता है। फ्लावोनोइड्स कैमफेरॉल (Kaemferol), क़्व्येरसेटिन (Quercetin) पाया गया है। आइसोरेमनिटिन (Isoramnetin), मायरिसेटिन (Myricetin) की उपस्थिति है। नीयज़िमिसिन (Niazimicin), नीयज़िरिडिन (Niaziridin), नियज़िरिन (Niazirin) भी पाये गए हैं। सहजन में ग्लूकोसिनोलेट्स (glucosinolates), आइसोथायोसाइनेट (isothiocyanates) भी पाये गए हैं।

विशेष- गर्भावस्था में विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह के अनुसार सहजन का उपयोग करें। कोई दवा ले रहें हैं तो भी विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह के अनुसार सहजन का सेवन करें।
नोट- इस लेख का उद्देश्य जानकारी और चर्चा मात्र है। आहार में एकदम से बदलाव या जीवन शैली परिवर्तन विशेषज्ञ से व्यक्तिगत परामर्श का विषय है।

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